उत्तर प्रदेशक्राइमराज्य

दुर्दांत नक्सली लालव्रत कोल को उम्रकैद, पुलिस पर फायरिंग… अत्याधुनिक असलहों की बरामदगी में कोर्ट ने सुनाई सजा

सोनभद्र: अपर सत्र न्यायाधीश एहसानुल्लाह खान ने शुक्रवार को दुर्दांत रहे नक्सली लालव्रत कोल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. न्यायालय ने आर्म्स एक्ट के मामले में आजीवन कारावास देने के साथ-साथ अर्थदंड भी लगाया है. इसके अलावा नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा और नक्सली अजीत कोल को भी दोष सिद्ध करार दिया गया है. इन दोनों नक्सलियों को आगामी 6 फरवरी को सजा सुनाई जाएगी.

एसपी सुभाष दुबे के नेतृत्व में इन तीनों हार्डकोर नक्सलियों को 2012 में गिरफ्तार किया गया था. नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा लाल व्रत कोल और अजीत कोल की गिरफ्तारी के बाद से ही सोनभद्र में नक्सल वारदातों में कमी आयी थी. नक्सली लालव्रत कोल पर लगभग 85 मुकदमे दर्ज हैं. इसके अलावा नक्सली अजीत कोल और मुन्ना विश्वकर्मा पर दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं. यह तीनों ही नक्सली हार्डकोर माने जाते थे. इन्होंने दर्जनों हत्याएं और फिरौती की घटना को अंजाम दिया है. कि इन नक्सलियों का यूपी, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंडऔर बिहार में आतंक था.

2023 में अपर सत्र न्यायाधीश एहसान उल्ला खान की अदालत में ही हत्या के मामले में मुन्ना विश्वकर्मा और नक्सली लालव्रत कोल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. आज फिर से आर्म्स एक्ट के मामले में लालव्रत कोल को आजीवन कारावास की सजा हुई है. दोनों ही सजा साथ साथ चलेगीं.

नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा और नक्सली अजीत कोल ने सजा के बाद कहा कि तत्कालीन एसपी सुभाष दुबे ने उन्हें आत्मसमर्पण और समाज की मुख्य धारा में लाने की बात कह कर उन्हें बुलाया और मुठभेड़ दिखाकर उन पर दर्जनों मुकदमे लाद दिए. नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा ने कहा कि उन्होंने समाज के मुख्य धारा में शामिल होने और परिवार के साथ रहने के लिए कि आत्मसमर्पण किया था. वहीं, आजीवन कारावास की सजा पाने वाले लालव्रत कोल ने भी कहा कि पुलिस ने उसे झूठा आश्वासन देकर आर्म्स एक्ट समेत दूसरे मुकदमो में फंसाया है. वह पिछले 12 सालों से जेल में बंद हैं.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button