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इजरायल की नई खतरनाक प्‍वाइंट ब्‍लैंक मिसाइल, हाथ से होगी लॉन्‍च, चंद मिनटों में दुश्‍मन की छुट्टी

तेल अवीव: इजरायल की सरकारी कंपनी इजरायल एरोस्‍पेस इंडस्‍ट्रीज (IAI) ने उस खतरनाक मिसाइल की एक झलक दुनिया को दी है जिसे हाथ से ही लॉन्‍च किया जा सकेगा। कई अरब डॉलर से तैयार इस मिसाइल को अमेरिकी सेनाओं को सौंपा जा रहा है। अमेरिका के साथ इजरायल का यह कॉन्‍ट्रैक्‍ट कई साल का है। यह मिसाइल एकदम सीधे लॉन्‍च हो सकती है। साथ ही इसे ड्रोन के जरिए भी लॉन्‍च किया जा सकता है। इस मिसाइल को कंपनी ने प्‍वॉइन्‍ट ब्‍लैंक नाम दिया है। यह देखने में बिल्‍कुल अंग्रेजी के अक्षर X सी दिखती है।

बैग पर ले जा सकेंगे सैनिक
कंपनी की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि इलेक्‍ट्रो-ऑप्टिकल गाइडेड इस मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत है कि अगर मिशन छोड़ भी दिया गया है तो भी इसे वापस लिया जा सकता है। एक मीटर लंबी इस मिसाइल का वजन 6.8 किलोग्राम है। इस मिसाइल को आसानी से सैनिक अपनी पीठ पर लादकर ले जा सकते हैं। मिसाइल को कैरी करने के लिए एक ही सैनिक काफी है। प्वाइंट ब्‍लैंक मिसाइल हर रणनीतिक यूनिट को उस ताकत से लैस कराती है जिसके तहत वह रीयल टाइम में अलग-अलग लक्ष्‍यों में दुश्‍मन पर हमला कर सकते हैं।

गोला बारूद से भी हो सकेगी लैस
यह मिसाइल 1500 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकती है। 288 किलोमीटर की स्‍पीड से हमला करने वाली मिसाइल हवा में तब तक रह सकती है जब तक कि दुश्‍मन की सही लोकेशन और टारगेट किस तरह का है, इसकी सही जानकारी नही मिल जाती। हमला करने से पहले यह 18 मिनट तक हवा में रहने में सक्षम है। मिसाइल इलेक्‍ट्रो-ऑप्टिकल सिस्‍टम से लैस है। इसकी वजह से यह रीयल टाइम में सर्विलांस की जानकारी जुटाती है और उसकी पुष्टि करती है। टारगेट को पूरी तरह से तबाह करने के लिए इसे गोला-बारूद से लैस किया जा सकता है।
इस मिसाइल को ऑपरेट कर रहा सैनिक अगर यह तय करता है कि वह टारगेट पर हमला नहीं करेगा तो भी वह मिसाइल को उसी स्थिति में हासिल कर सकता है जिस स्थिति में उसे लॉन्‍च किया गया था। आईएआई का कहना है कि यह कई अरब डॉलर वाला प्रोजेक्‍ट है जिसके तहत अमेरिकी रक्षा विभाग को नई मिसाइलें दी जाएंगी।

ग‍लतियों की कोई गुंजाइश नहीं
प्वाइंट ब्‍लैंक मिसाइल को ईरान के कमिकाजे ड्रोन की तरह भी करार दिया जा रहा है। कंपनी की तरफ से कहा गया है कि यह सिस्‍टम काफी सटीक है और गलतियों की गुंजाइश न के बराबर रह जाती है। टारगेट की पहचान और एक दायरे में रहकर उस पर हमला करने में यह काफी कारगर है। मिसाइल को रडार की पकड़ से भी बचाकर हमलों को अंजाम दिया जा सकता है। इसमें दिया गया हाइब्रिड इलेक्‍ट्रो-ऑप्टिकल (EO) और जीपीएस गाइडेंस सिस्‍टम है जो हमले की जानकारी मुहैया कराता है।

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